मेदिनीनगर : पलामू जिले के पांकी थाना क्षेत्र के सोरठ गांव में हुए 32 बंदरों की मौत का कारण पता चल गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है कि आखिर बंदरों की मौत कैसे हुई. दरअसल, एक कुएं से 32 बंदरों के शव बरामद किए गए थे. उस समय आशंका जताई जा रही थी कि सभी बंदरों की मौत कुएं के पानी में डूबने से हुई है. पूरे मामले में वन विभाग की टीम ने जांच टीम बनाकर सभी बंदरों के शवों का पोस्टमार्टम कराया. पोस्टमार्टम के बाद सभी शवों को दफना दिया गया था।
पूरे मामले में बंदरों के पोस्टमार्टम के लिए पशुपालन विभाग ने तीन पशु चिकित्सकों की टीम बनाई. इसमें ट्यूरिंग पशु चिकित्सक, बीएएचओ, वीएस पलामू शामिल थे. तीनों डॉक्टरों ने सभी 32 बंदरों के शवों का पोस्टमार्टम किया था।32 बंदरों की मौत की वजह अस्फीसिया (asphyxia) बताई गई है. यह वह स्थिति होती है जब कोई सांस नहीं ले पाता, जिससे मौत हो जाती है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि पानी में रहने की वजह से अस्फीसिया की स्थिति पैदा हुई और सभी की मौत हो गई. सभी बंदरों की मौत पोस्टमार्टम से 12 से 24 घंटे पहले हुई थी. बंदरों के फेफड़ों में पानी के साथ-साथ धूल भी भरी हुई थी. बंदरों की त्वचा पर गर्मी के कारण झुर्रियां पड़ गई थीं.
त्वचा, चेहरे और पेट पर चोट के निशान भी थे. बंदरों की त्वचा के नीचे के ऊतक क्षतिग्रस्त हो गए थे. बंदरों के शरीर में खून के थक्के भी जमे हुए थे।डीएफओ कुमार आशीष बंदरों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई बातों का जिक्र है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि बंदरों की मौत पानी में डूबने से हुई है. प्यासे बंदर कुएं में गए थे और उनकी मौत हो गई थी।2 जून को पलामू के पांकी थाना क्षेत्र के सोरठ में एक कुएं से 32 बंदरों के शव बरामद किए गए थे. उस दौरान पलामू के इलाके में भी गर्मी पड़ रही थी और तापमान 47 डिग्री सेल्सियस के आसपास था. आशंका है कि बंदर पानी की तलाश में कुएं में कूद गए और उनकी मौत हो गई।